जब भी लोग उत्तरी भारत की यात्रा की योजना बनाते हैं, तो अक्सर दिल्ली, आगरा या जयपुर जैसे प्रसिद्ध शहरों का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थित एक ऐसा शहर है जो इतिहास, संस्कृति, शिल्पकला और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है—सहारनपुर। आम तौर पर मुख्यधारा के पर्यटन से दूर रहने वाला यह शहर उन यात्रियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं, जो भारत की असली झलक को करीब से देखना चाहते हैं।
इतिहास में रचा-बसा शहर
सहारनपुर का इतिहास सदियों पुराना है। ऐसा माना जाता है कि यह क्षेत्र सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा रहा है और बाद में मुगल काल के दौरान एक महत्वपूर्ण स्थल बन गया। आज भी इसकी गलियों में चलते हुए, प्राचीन इमारतों और परंपराओं में इतिहास की गूंज साफ सुनाई देती है।
विश्वप्रसिद्ध लकड़ी की नक्काशी
सहारनपुर को सबसे ज्यादा प्रसिद्धि दिलाने वाला शिल्प है इसकी लकड़ी की नक्काशी। यहाँ के कारीगर सुंदर और बारीक नक्काशीदार फर्नीचर व सजावटी वस्तुएँ बनाते हैं, जिनकी मांग न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी है। मंडी समिति और हलवाई हट्टा जैसे बाजारों में जाकर इन कलाकृतियों को देखना और खरीदना अपने आप में एक अनूठा अनुभव है।
प्राकृतिक सौंदर्य और शांत स्थान
प्रकृति प्रेमियों के लिए भी साहारनपुर में कई आकर्षण हैं। बॉटनिकल गार्डन (जिसे स्थानीय लोग कंपनी बाग कहते हैं) एक शांत जगह है जहाँ आप सवेरे की सैर या परिवार संग पिकनिक का आनंद ले सकते हैं। कुछ दूरी पर स्थित शाकुंभरी देवी मंदिर, शिवालिक पहाड़ियों के बीच बसा एक पवित्र और सुंदर स्थल है।
इसके अलावा आसन बैराज भी एक छुपा हुआ खज़ाना है, जहाँ आप पक्षियों को निहार सकते हैं और जल के किनारे सुरम्य सूर्यास्त का आनंद ले सकते हैं।
संस्कृति और त्योहारों की रंगीन छटा
सहारनपुर में विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग रहते हैं, जिससे यहाँ का सांस्कृतिक माहौल बेहद समृद्ध और रंगीन है। ईद, दिवाली और बाला सुंदरी के उर्स जैसे पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। यदि आप सही समय पर यहाँ आएं, तो सहारनपुर क्राफ्ट्स मेला में भाग लेने का अवसर भी मिल सकता है, जहाँ स्थानीय कला, व्यंजन और संगीत की बहार होती है।
खानपान का स्वाद
कोई भी यात्रा तब तक अधूरी रहती है जब तक वहाँ का खाना न चखा जाए। साहारनपुर का भोजन मुग़लई और उत्तर भारतीय स्वादों का अद्भुत संगम है। यहाँ की चाट, समोसे, कुल्फी फालूदा और बिरयानी का स्वाद जरूर चखें। मिठाइयों में बालूशाही और रबड़ी की तो बात ही निराली है—जो स्थानीय हलवाइयों से ताज़ा मिलती है।
कैसे पहुँचें साहारनपुर
सहारनपुर रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यह दिल्ली–देहरादून रेलवे लाइन पर स्थित है और हरिद्वार या मसूरी की यात्रा पर जाते समय एक उपयुक्त ठहराव बन सकता है। निकटतम हवाई अड्डा देहरादून (जॉली ग्रांट एयरपोर्ट) है, जो लगभग 90 किलोमीटर दूर है।
क्यों जाएँ साहारनपुर?
यदि आप एक ऐसा स्थान ढूंढ रहे हैं जो भीड़भाड़ से दूर, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और आत्मीयता से भरा हो, तो सहारनपुर आपके लिए उपयुक्त गंतव्य है। चाहे आप इतिहास के प्रेमी हों, कला के दीवाने, धर्मिक भावनाओं से जुड़े हों या बस भारत के कम प्रसिद्ध लेकिन खूबसूरत हिस्सों को देखना चाहते हों—सहारनपुर आपका स्वागत करता है।
तो अगली बार जब आप उत्तर भारत की यात्रा की योजना बनाएं, तो साहारनपुर को अपनी सूची में ज़रूर शामिल करें। यहाँ से आप सिर्फ स्मृतियाँ नहीं, बल्कि कहानियाँ, मुस्कानें और भारत की विविध विरासत से एक गहरा जुड़ाव लेकर लौटेंगे।